धर्म

महाराजगंज में यहां है बौद्ध कालीन स्तूप, अब तक बिल्कुल है अनछुआ, जानें इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले का एक बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र वाला है. इन क्षेत्रों में अलग-अलग धार्मिक स्थल और अन्य ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं. इन धार्मिक स्थलों की अपनी अलग-अलग कहानी और अलग-अलग मान्यताएं हैं. महाराजगंज जिला बौद्ध कालीन इतिहास की विरासत को भी आज तक संजोए रखा है. जिले के चौक क्षेत्र स्थित रामग्राम में बौद्ध कालीन स्तूप मौजूद है.

रामग्राम में स्थित इस बौद्ध स्तूप का संबंध गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण से है. विश्व के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद बौद्ध स्तूपों की तुलना में यह स्तूप सबसे अलग है. रामग्राम स्थित बौद्ध स्तूप के रहस्य से अभी तक पूर्ण रूप से पर्दा नहीं उठा है. इसके साथ ही यह स्तूप अब तक का सबसे अलग और अनछुआ स्तूप भी माना जाता है.

यहां मौजूद है गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण की अस्थि

महाराजगंज जिले के रामग्राम में मौजूद बौद्ध स्तूप के रहस्यों से अभी तक पर्दा नहीं उठा है. प्रसिद्ध लेखक और इतिहासकार डॉ. परशुराम गुप्त ने लोकल 18 को बताया कि गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद अस्थियों को आठ भागों में विभाजित कर दिया गया था. इन अस्थियों को अलग-अलग हिस्सों में बांट दिया गया था. इन अस्थियों में से एक भाग रामग्राम के तत्कालीन निवासी अर्थात रामग्राम के कोलियों को मिला. गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के अस्थियों के आठवें भाग पर रामग्राम के इस बौद्ध स्तूप का निर्माण हुआ है. रामग्राम स्थित बौद्ध स्तूप अन्य दूसरे स्तूपों की तुलना में इसलिए भी अलग है, क्योंकि अभी तक इस स्तूप की खुदाई नहीं हुई है. वहीं विश्व के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद बौद्ध स्तूपों की खुदाई हो चुकी है और उनके रहस्यों से पर्दा भी उठ चुका है.

सम्राट अशोक भी नहीं कर पाए थे स्तूप की खुदाई

डॉ. परशुराम गुप्त बताते हैं कि सम्राट अशोक बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से विश्व के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद बौद्ध स्तूपों की खुदाई करा रहे थे. इसी उद्देश्य से सम्राट अशोक रामग्राम भी आए थे. हालांकि रामग्राम के तत्कालीन निवासी कोलियों ने सम्राट अशोक से रामग्राम के बौद्ध स्तूप की खुदाई ना करने का आग्रह किया. इस सिलसिले में सम्राट अशोक और रामग्राम के कोलीय इस बौद्ध स्तूप के पास लगभग एक हफ्ते तक डटे रहे. अंत में सम्राट अशोक ने रामग्राम में स्थित बौद्ध स्तूप की खुदाई ना करने का फैसला लिया. इस घटना की बाद रामग्राम का यह स्तूप दुनिया का सबसे अलग स्तूप बना, जिसकी अभी तक खुदाई नहीं हुई है और रहस्यों से भी भरा हुआ है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button