धर्म

यहां गिरा था मां सती का कपाल, 51 शक्तिपीठों में है ये मंदिर, यहां पानी कभी नहीं सूखता

जिस स्थान पर मां सती का कपाल गिरा था, आज वह स्थान मां कुनाल पत्थरी के नाम से प्रसिद्ध है. यह स्थल मां के 51 शक्तिपीठों में से एक है. यह स्थान पर्यटन नगरी धर्मशाला में स्थित है. धर्मशाला से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर चाय बाग के बीच में मंदिर स्थापित है. यहां मां भगवती की पूजा कुनाल पत्थरी के रूप में होती है. सैकड़ों भक्त यहां पर मां के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए पहुंचते हैं. यहां पर मनोकामनाएं पूर्ण होने पर भक्‍त ढोल नगाड़ों के साथ नाचते गाते पहुंचते हैं. साल भर यहां पर भक्तों का आना जाना लगा रहता है. मंदिर के आसपास जंगल है और चाय के बागान हैं.

मंदिर के में स्थापित है एक पत्थर जिसमें भरा रहता ही पानी
मां कुनाल पत्थरी मंदिर में मां के कपाल पर एक बड़ा पत्थर है. जो एक बहुत बड़ी पारात सा लगता है. हमेशा पानी से भरा रहता है. यह पानी श्रद्धालु पूजा अर्चना व रोगियों के रोग दूर करने के लिए अपने साथ अपने घर भी ले जाते हैं. यह पानी बारिश का एकत्र होता है. मंदिर के पुजारी पंडित अंकु का कहना है जब भी इस कपाल में पानी कम होने लगता है तो बारिश होती है. यह फ‍िर से भर जाता है. इसको लेकर भी लोगों में माता के प्रति बहुत आस्‍था है.

कैसे पहुंचे इस शक्ति पीठ
धर्मशाला बस अड्डे तक बस में आ सकते हैं. धर्मशाला बस अड्डा से धर्मशाला कुनाल पत्थरी, सराह गगल के लिए बस मिल जाती है. लेकिन सरकारी बसें समय-समय पर चलती. आप टैक्सी का प्रयोग भी कर सकते हैं. धर्मशाला कचहरी से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर यह मंदिर चाय बाग व जंगल के बीच स्थित है. मंदिर में लंगर भवन व सराय आदि बनी हुई हैं. टैक्सी का प्रयोग करके व पैदल भी इस मंदिर तक पुहंचा जा सकता है. गगल एयरपोर्ट से इस मंदिर की दूरी करीब 15 किलोमीटर ही है.

पर्यटन नगरी पहुंचने वाले जरूर करते हैं दर्शन
इन दिनों धर्मशाला व मैक्लोडगंज आने वाले पर्यटक भी मंदिर पहुंच रहे हैं. पर्यटक टी गार्डन में फोटो शूट करते हैं और उसके बाद मां कुनाल पत्थरी के मंदिर पहुंचते हैं. यहां का शांत वातावरण व मंदिर सभी को अपनी तरफ आकर्षित करता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button