दिल्ली में पार्किंग की समस्याओं का हल: MCD अगले दो महीने में बनाएगी 15 नई पार्किंग
दिल्ली में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए निगम ने 15 नई साइटों की पहचान की है। यह 15 पार्किंग अगले दो माह में शुरू हो सकती है। निगम ने 99 पार्किंग स्थलों की जो निविदा आमंत्रित की है उसमें इन 15 पार्किंग साइटों को शामिल किया है।
ज्यादातर यह पार्किंग सरफेस पार्किंग हैं, जो कि डीडीए की खाली भूमि या फिर सड़क के किनारे खाली पड़े स्थान पर बनाई जा रही है। ताकि वहां पर नियमित पार्किंग का संचालन हो और अनियोजित तरीके वाहनों के खड़े करने से होने वाली समस्या से निदान मिल सके।
99 पार्किंग स्थलों के लिए निविदा आमंत्रित
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 99 पार्किंग स्थलों के लिए हमने निविदा आमंत्रित की है। इसमें दो क्लस्टर भी है जबकि 15 नए पार्किंग स्थल हैं। जो निविदा आमंत्रित की गई है उसमें से कुछ पार्किंग स्थल ऐसे हैं जहां पर मासिक लाइसेंस फीस के आधार पर पहले से पार्किंग चल रही है लेकिन उनकी निविदा नवंबर और दिसंबर में समाप्त हो रही है। इसलिए हमने पहले से ही निविदा प्रक्रिया को शुरू किया है ताकि समय रहते इन पार्किंग को नया संचालक मिल सके। ताकि निगम को राजस्व का भी नुकसान न हो और निविदा खत्म होने पर अचानक पार्किंग बंद होने से लोगों को परेशानी भी न हो।
ये होंगे 15 नए पार्किंग स्थल
उन्होंने बताया कि जो 15 नए पार्किंग स्थल हैं उसमें बवाना औद्योगिक क्षेत्र सेक्टर 1, नरेला औद्योगिक क्षेत्र, चौ. गुलाब सिंह मार्ग सत्यावती कालेज, वजीरपुर में डीडी माटर्स के पास, पानी की टंकी अशोक विहार, नाजिया पार्क शक्ति नगर, सर्विस लेन महार्षि दयानंद पार्क, गुजराती समाज, शिवाजी मार्ग जनपुरी मेट्रो स्टेशन के पास लाल किला मेट्रों स्टेशन गेट नंबर 1 से चार तक, हरदयाल पुस्तकालय, जिया सराय आईआईटी गेट की पार्किंग शामिल हैं।
दो दिन हनुमान मंदिर की फ्री रहेगी पार्किंग
एमसीडी की यमुना बाजार स्थित हनुमान सेतु पार्किंग सप्ताह में दो दिन निशु्ल्क रहेगी। मंगलवार और शनिवार को इस पार्किंग में मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं से कोई शुल्क नहीं लिया जएगा। निगम ने पार्किंग निविदा में यह शर्त लगाई है। यह पार्किंग करीब 140 चार पहिया और 125 दो पहिया वाहनों की पार्किंग यहां उपलब्ध होगी। उल्लेखनीय है कि मरघट वाले बाबा हनुमान मंदिर में मंगलवार और शनिवार को बड़ी मात्रा में श्रद्धालु दिल्ली के विभिन्न इलाकों के साथ ही पड़ोसी राज्यों से आते हैं।