मध्यप्रदेशराज्य

1.85 लाख स्थाईकर्मियों को 8 साल में नहीं मिला 7वां वेतनमान

भोपाल । मंत्रालय में कार्यरत करीब 450 सहित प्रदेश के 1 लाख 85 हजार स्थाईकर्मियों को सातवां वेतनमान दिलाने के लिए मंत्रालय सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ ने प्रयास शुरू किए हैं। संघ ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को ज्ञापन सौंपकर वर्तमान महंगाई को देखते हुए इन कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने का अनुरोध किया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 7 अक्टूबर 2016 को इन दैनिक वेतन भोगियों को स्थाईकर्मी नाम देते हुए स्थाई किया गया है। इसके साथ ही उन्हें सेवा सुरक्षा से लेकर नियमित कर्मचारियों के समान अन्य लाभ भी दिए जा रहे हैं, पर 1 जनवरी 2016 से लागू सातवें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है। ये कर्मचारी पिछले 8 साल से सातवें वेतनमान की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बीच महंगाई साल-दर-साल बढ़ती रही है। संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि स्थाईकर्मियों को जब नियमित कर्मचारियों के समान डीए, अद्र्धवार्षिकी आयु सहित अन्य लाभ दिए जा रहे हैं, तो सातवे वेतनमान का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है। वे कहते हैं कि पिछले आठ साल में स्थाईकर्मी वेतन के मामले में नियमित कर्मचारियों से काफी पिछड़ गए हैं। उधर, महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसी स्थिति में इतने कम वेतन में इन कर्मचारियों के परिवार का गुजारा नहीं हो पा रहा है। वे कहते हैं कि मानवीय संवेदना और जरूरत के अनुसार कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाना चाहिए। हमने मुख्यमंत्री और विभागीय अधिकारियों से यही अनुरोध किया है।

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