बिलासपुर । तारबाहर पुलिस ने एटीएम मशीन में पट्टी फंसाकर रुपए चोरी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उसने बताया कि वह एटीएम मशीन में रुपए निकलने वाले सटर को स्क्रू ड्राइवर से खोलकर उसमें पट्टी लगाता था, जिसमेें रुपए फंस जाते थे, लोगों के जाने के बाद में वह नोट लेकर चंपत हो जाता था। आरोपी के विरुद्ध राजस्थान व नागपुर में ऐसे दर्जनों अपराध दर्ज हैं। पुलिस ने प्रेस कांफ्रेस में खुलासा किया कि ट्रांजेक्शन सोल्युशन इंटरनेशनल प्रा.लि. कंपनी जो एसबीआई एटीएम का रख रखाव एवं मेंटनंस का कार्य करती है, उसके सुपरवाइजर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 21 जुलाई को सुबह 9 बजे कॉल सेंटर से पता चला कि व्यापार विहार स्थित एटीएम मशीन में पैसा नहीं निकल रहा है। जाकर चेक करने पर रुपए निकालने वाला शटर डैमेज मिला। आशंका होने पर एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक किया गया। जिसमें पता चला कि एक व्यक्ति एटीएम के शटर बाक्स में लगे शटर को स्कू्र ड्रावर से उठा कर एक पट्टी लगाते दिख रहा है। उसके बाद सत्यम चौक, ,लिंक रोड व गोल बाजार एटीएम में भी इसी प्रकार की समस्या होने का पता चला। प्रार्थी की रिपोर्ट पर अपराध दर्ज कर जांच शुरू की गई। थाना तारबाहर पुलिस टीम बनाकर एटीएम का सीसीटीवी फुटेज खंगाला। उसके आधार पर अज्ञात आरोपी की पतासाजी शुरू की गई। इधर चोरियों को अंजाम देने के बाद आरोपी वापस भागने के लिए रेलवे स्टेशन बिलासपुर में ट्रेन का इंतजार कर रहा था। संदेह के आधार पर पुलिस ने ग्राम फुलियाना राजस्थान निवासी बहादुर चैकीदार पिता राम चैकीदार को हिरासत में लिया गया।
शहर के इन एटीएम से चोरी किए थे रुपए
आरोपी ने बिलासपुर में व्यापार विहार एटीएम, सत्यम् चौक एटीएम, गोल बाजार एटीएम से कुल 40 हजार 500 रुपए निकालना बताया। पुलिस ने आरोपी बहादुर चौकीदार से 33 हजार रुपए स्कू्र ड्राइवर व दो पट्टी जब्त किया गया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया जा रहा है।
जेल में कैदी साथी से सीखा था चोरी का तरीका
रेलवे स्टेशन में आरोपी को पकड़ कर पुलिस थाना तारबाहर ले आई। यहां पूछताछ में उसने बताया कि वर्ष 2015 से वह अपने दोस्तों के साथ राजस्थान में एटीएम मशीन तोडऩे का काम कर रहा है। इस बीच पकड़े जाने पर वह तीन साल जेल में रहा। वहां से निकलने के बाद फिर से एटीएम तोडकऱ रुपए चोरी करने का काम साथियों के साथ करता था। वर्ष 2020 में पकड़े जाने पर एक साल जेल में रहा। इसी दौरान जेल में एक कैदी साथी से एटीएम मशीन में पट्टी फंसाकर रुपए निकालने का तरीका सीखा। तब से अकेले किसी भी अंजान शहर में जाकर घटना को अंजाम देता था। चोरी करने के बाद वह उस शहर छोडकऱ भाग जाता था। 19 जुलाई को उज्जैन से जबलपुर आया। जबलपुर से ट्रेन बैठकर 21 जुलाई को बिलासपुर पहुंचा था। यहां पहली बार आना बताया।